दोस्तों, बीत रहा है यह साल 2019 कई अफसाने देकर…. कहीं खुशी तो कहीं गम के बहाने देकर…जी हां दोस्तों, बीतते-बीतते एक साल और बीत गया. ये ‘ साल ’ भी बड़ा अजीब होता है. हर साल आता है और हर साल चला जाता है और साल की खास बात ये होती है कि यह कभी लौट कर भी नहीं आता है. बस कुछ यादें छोड़ कर रवानगी ले लेता है. ....यादें... कुछ अच्छी तो कुछ बुरी. इस साल में भी कुछ खास बातें होंगी...जो वह हमारे अगले साल के लिए यानी 2020 के लिए छोड़ कर गया होगा... हमें नया मार्ग दिखा कर गया होगा...हमें बस उन्हीं बातों का अनुसरण करना है....अपने रिश्तो को संजो कर रखना है कुछ इस तरह से...आवाज है अलका याग्निक... कविता कृष्णमूर्ति और साथियों की... इस गीत के बोल लिखे हैं समीर ने और संगीत दिया है नदीम सैफी ने... दोस्तों, , तारीख बदलती है और तारीख बदलते बदलते हमारी उंगलियां एक दिन कैलेंडर बदल देती हैं ...यानी कि वक्त हर किसी का आता है बस आप मेहनत करते रहिए... हर दिन अपने लिए ऐसा समय निकालें जिसमें आप खुद के बारे में सोचते हों। जैसे कि आप क्या पाना चाहते हैं? भविष्य के क्या प्लान हैं? अगर आपको नए मौक...