सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

हमारी पुलिस पूरी तरह से सजग और मुस्तैद रहती है साहब, यह टीवी और अखबार वाले तो झूठ बोलते हैं

दोस्तों नमस्कार, देखिए हमारी पुलिस पूरी तरह से मुस्तैद रहती है सजग रहती है और सतर्क रहती है। इस पर कोई भी टीका टिप्पणी करना और खामखा कोई आरोप लगाना सरासर गलत और नाजायज व नाइंसाफी है। ... यह टीवी चैनल और अखबार वाले झूठ बोल रहे हैं की हाईवे से गोवंश सप्लाई होता है।... यह जो शाहजहांपुर में हुआ यह आपने सही नहीं पढ़ा... दरअसल वह लोग तो खाली गाड़ी लेकर के जा रहे थे और यह तो जनता है जिसने उस गाड़ी को रोक करके उसमें गोवंश भर दिया और बाद में वाहन चालकों की पिटाई कर दी।... हमारी पुलिस तो मुस्तैद रहती है साहब! नेशनल हाईवे से एक भी ट्रक,  पिकअप या कोई भी वाहन में गोवंश तो क्या कोई भी पशुधन का परिवहन नहीं होने देती। आप लोग खा-म-खा आरोप लगाना बंद कीजिए और पुलिस को अपना काम करने दीजिए। यह जो जनता है जिसने यह मोब लिंचिंग की घटना को अंजाम दिया है उनमें से एक के को ढूंढ ढूंढ कर के निकालेंगे... बहरोड के आस पास के गांव वालों को तो पता होगा शाहजहांपुर वालों को पता लग जाएगा। इसलिए मैं फिर कह रहा हूं आपको आगाह कर रहा हूं ... कि मंगलवार, गुरुवार और शनिवार तो बिल्कुल भी आप हाईवे की किसी गाड़ियों पर नजर मत डाला कीजिए।  और यह आपका काम भी नहीं है। यह हमारी पुलिस का काम है और पुलिस अपना काम मुस्तैदी से कर भी रही है। आपका काम यानी आम जनता का काम है कि सुबह उठिए, नहाना-धोना कीजिए ... खाना खाइए... अपने काम पर जाइए ....शाम को चुपचाप आइए... खाना खाइए और सो जाइए। धन्यवाद बाकी अगले अंक में। ( अच्छा लगे तो दूसरों को भी आगाह करने हेतु शेयर कर दीजिएगा।)
@Vikas Verma

टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

Meaning of love...चल प्यार करें...

चैटिंग से सिर्फ सैटिंग होती है, प्यार नहीं। क्योंकि प्यार में फीलिंग होती है, इमोसंस होते हैं, दर्द होता है, चाहत होती है। ...और प्यार दिल से होता है !! चल प्यार करें... प्यार यानी Love  , आज इस शब्द के मायने क्या हैं? क्या प्यार का अर्थ (Meaning of love) वर्तमान में देह की चाहत, भूख, या हवस बन गया है ? अग़र नहीं, तो फिर ‘सुशांत’ जैसे नौजवान ‘शांत’ क्यों हो रहे हैं? क्यों ‘जिस्म’ में दौड़ता खून अपना रंग नहीं पहचान पा रहा है ? क्यों रिश्तों की डोर में ‘प्यार’ उलझता जा रहा है ?....अगर इन सब सवालों के जवाब आपके पास हैं तो बेशक आप इस आर्टिकल को बिना पढ़े यहीं छोड़ सकते हैं, लेकिन अग़र आपको इन सवालों का जवाब नहीं सूझ रहा है तो आपको यह आर्टिकल जरूर पढ़ना चाहिए। ...क्योंकि अखबारों में छपने वाली खबरें या कहानी ‘आपके घर की भी हो सकती है।’ चलिए अब इस Article  की शुरूआत करते हैं। 👀 केस -1. रविना की शादी को दो साल ही हुए थे, या यूं कहें कि जैसे तैसे रविना ने गुटखाबाज पति के साथ दो साल निकाल दिए थे। पति में सिवाय गुटखा खाने के कोई ऐब नहीं था। लेकिन रविना को शादी से पहले यह बात किसी ने नहीं ब...

छाछ में मक्खी गिर जाए तो आप छाछ फेंक देते हैं और घी में गिर जाए तो...?

...चलिए पहले बात पूरी करता हूं। छाछ में मक्खी गिर जाए तो आप  मक्खी सहित पूरी छाछ फेंक देते हैं और घी में गिर जाए तो आप  केवल मक्खी निकाल कर फेंक देते हैं।... तब आप घी को नहीं फेंकते। क्यों ? कभी पूछा अपने आप से ! यही तो... मानसिकता है 'स्वार्थ' व 'अर्थ' से भरी। हर व्यक्ति, वस्तु और पद का मूल्यांकन 'आर्थिक' हो गया है। पूरा देश भ्रष्टाचार व रिश्वतखोरी पर उबाल खा रहा है।  सोशल मीडिया, सिनेमा, टीवी,  समाचार पत्र... हर जगह भ्रष्टाचार व रिश्वतखोरी पर बहस हो रही है।  घूस लेते कर्मचारियों के वीडियो  एक-दूसरे के साथ शेयर किए जा रहे हैं। थू थू करते है,  मन भर के गालियां देते हैं।... अच्छी बात है ऐसा होना भी चाहिए। मैं तो यह भी कहता हूं कि घूस लेने वालों का मुंह काला करके उन्हें पूरे शहर घुमाना चाहिए ताकि फिर कोई दूसरा ऐसा करने की हिम्मत ना कर सके। ... लेकिन मेरा मुद्दा यह नहीं है। मैं बात कर रहा हूं 'अपनी ईमानदारी' की। वह कहां गायब हो जाती है जब हमें खुद को कोई काम करवाने के लिए  'घूसखोर' ढूंढना पड़ता है। ध्यान रहे, आप मेरे इस आरोप से बच नहीं सकते। अग...

हमारे राज्य पशु पर ऑस्ट्रेलिया में मंडरा रही मौत...?

।। श्रवण सिंह राठौड़ की कलम से।।  हमारे रेगिस्तानी जहाज ऊंट के लिए बहुत ही बुरी खबर हैं। राजस्थान में ऊंट को संरक्षण देने के लिए 2014 से ही राज्य पशु का दर्जा प्राप्त है। उधर आपदा - आग की तबाही झेल रहा ऑस्ट्रेलिया 10 हजार ऊंटों को मारेगा । वजह, पानी की कमी। जल संकट। आदिवासी समुदाय की मांग पर ऊंटों को मारने का काम आज से शुरू हो चुका है। इस खबर ने मुझे अंदर तक हिलाकर रख दिया है। ऊंटों को मारना, पूरी तरह प्रकृति के खिलाफ और अमानवीय है। राजस्थान में भी भारी जल संकट है। ऐसे में पानी की कीमत हमको भी समझने की जरूरत है। ऑस्ट्रेलिया में ऊंटों को गोली मारने के पीछे असली वजह वहां पानी की भारी कमी होना बताया जा रहा है। वहां के आदिवासी समुदाय का कहना है कि जंगली ऊंट हमारे संपत्ति को भी नुकसान पहुंचा रहे और हमारे हिस्से का पानी पी जाते हैं। इस वजह से आदिवासी समुदाय की मांग पर वहां की सरकार ने आनन-फानन में निर्णय लेकर आज बुधवार से हेलीकॉप्टर में बैठे शुटर के जरिए ऊंटों को गोली  मारने के आदेश दिए गए हैं। अभी 10000 ऊंटों को मारा जाएगा। इस खबर से मैं बहुत आहत हूं। ये विकृत मानसिकता...

कृपया फोलो/ Follow करें।

कुल पेज दृश्य