विघ्न हरण मंगल करन गणनायक गणराज । रिद्धि शिद्धि सहित पधारजो पूर्ण करजो काज…. दोस्तों नमस्कार, ब्लॉगवाणी में आप सभी का स्वागत है... दोस्तों, किसी भी कार्य के शुभारंभ से पहले सर्वप्रथम गणेशजी की पूजा करके शुरुआत की जाती है। विघ्नहर्ता गणपति भगवान को पूजनीय माना जाता है….भगवान गणेश का महापर्व गणेश चतुर्थी देश भर में आज धूमधाम से मनाया जा रहा है... गणपति बप्पा आज घर घर में विराजएंगे.....
भगवान गणेश को ज्ञान, बुद्धि और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। भगवान गणेश को गजानन, गजदंत, गजमुख जैसे नामों से भी जाना जाता है। हर साल गणेश चतुर्थी का पर्व भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। गणेश चतुर्थी का पर्व हर साल हिन्दू पंचाग के भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। भगवान गणेश की मूर्ति स्थापति कर अगले 10 दिन तक गणेश उत्सव मनाया जाता है।
इस दिन लोग मिट्टी से बनी भगवान गणेश की मूर्तियां अपने घरों में स्थापित करते हैं। गणेश चतुर्थी का उत्सव मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा से शुरू होता है। पूजा के दौरान भगवान गणेश के पसंदीदा लड्डू का भोग लगाया जाता है। इसमें मोदक, श्रीखंड, नारियल चावल, और मोतीचूर के लड्डू शामिल होते हैं। इन 10 दिनों के पूजा उत्सव में लोग रोज सुबह शाम भगवान गणेश की नियमित रूप से आरती करते हैं। व्यवस्था के अनुसार आयोजक भजन संध्या का भी आयोजन करते हैं।
गणका अर्थ है कोई विशेष समुदाय या फिर विशेष समूह ...और इसका अर्थ है स्वामी। शिवगणों और सभी देवगणों के स्वामी होने के कारण इन्हें गणेश कहा जाता है. भगवान शिव के सेवकों के समुदाय यानी गणों के अध्यक्ष होने के कारण गणेश जी को गण अध्यक्ष और गणेश कहते हैं. शास्त्रों ने तीन प्रकार के गणों की व्याख्या की है.. देवगण... मनुष्य गण और राक्षस गण...यह तीनों ही शिवजी को पूजते हैं...बुद्धि के स्वामी होने की वजह से गणेश भी तीनों गुणों द्वारा पूजित है..
गणेश जी को ऋद्धि-सिद्धि व बुद्धि का दाता भी माना जाता है। मान्यता है कि गुरु शिष्य परंपरा के तहत इसी दिन से विद्याध्ययन का शुभारंभ होता था। इस दिन बच्चे डण्डे बजाकर खेलते भी हैं। इसी कारण कुछ क्षेत्रों में इसे डण्डा चौथ भी कहते हैं। …. उम्मीद है गणेश चतुर्थी पर आज की यह विशेष चर्चा आपको पसंद आई होगी... इसी के साथ आज के अंक में बस इतना ही…. अगले अंक में एक नए विषय के साथ आपसे फ़िर मुलाकात होगी…. इसी के साथ अपनी दोस्त शालू को दीजिए...इजाजत... नमस्कार….
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें