नमस्कार दोस्तों, काव्य मंच में आप सभी का स्वागत है। मैं हूं आपकी दोस्त, शालू वर्मा। आप सभी को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। आज बेटे हिरेन्द्र ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर काव्य लेखन किया और बहुत ही सुंदर ढंग से काव्य पाठ किया प्रस्तुत है उसी के अंश...
आओ दोस्तों, तुम्हें सुनाऊं कहानी हिंदुस्तान की,
कैसे मिली आजादी हमको, कैसे रचना हुई संविधान की,
सन 47 से पहले विधान अंग्रेजों का ही चलता था,
रोटी, कपड़ा और मकान मांगने पर
चाबुक उनका चलता था,
सत्याग्रह बापू का देख, अंग्रेजों का सिंहासन डोला उठा,
लाठीचार्ज हुआ लाला पर,
तो आजाद, भगत सिंह का खून खौल उठा,
वीर सपूतों की कुर्बानी ने आजादी की अलख जगाई थी,
तब जाकर सन 47 में हमने अपनी आजादी पाई थी,
इस धरा का इस धरती का जैसे एक विधान है,
गर्व करो ऐ भारतवासी अब
अपना भी एक संविधान है,
बाबा साहेब अंबेडकर ने
दुनिया के संविधानों को खंगाला,
और 2 साल 11 महीने 18 दिन में संविधान बना डाला,
आओ दोस्तों तुम्हें सुनाऊं कहानी हिंदुस्तान की
कैसे मिली आजादी हम को
कैसे रचना हुई संविधान की...
आओ दोस्तों, तुम्हें सुनाऊं कहानी हिंदुस्तान की,
कैसे मिली आजादी हमको, कैसे रचना हुई संविधान की,
सन 47 से पहले विधान अंग्रेजों का ही चलता था,
रोटी, कपड़ा और मकान मांगने पर
चाबुक उनका चलता था,
सत्याग्रह बापू का देख, अंग्रेजों का सिंहासन डोला उठा,
लाठीचार्ज हुआ लाला पर,
तो आजाद, भगत सिंह का खून खौल उठा,
वीर सपूतों की कुर्बानी ने आजादी की अलख जगाई थी,
तब जाकर सन 47 में हमने अपनी आजादी पाई थी,
इस धरा का इस धरती का जैसे एक विधान है,
गर्व करो ऐ भारतवासी अब
अपना भी एक संविधान है,
बाबा साहेब अंबेडकर ने
दुनिया के संविधानों को खंगाला,
और 2 साल 11 महीने 18 दिन में संविधान बना डाला,
आओ दोस्तों तुम्हें सुनाऊं कहानी हिंदुस्तान की
कैसे मिली आजादी हम को
कैसे रचना हुई संविधान की...
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