न्यूज चक्र। कोटपूतली नगरपालिका के युवा व उत्साही पार्षदों ने कोटपूतली एएसपी रामकुमार कस्वा के आहवान पर सोमवार से साईकिलें संभाल ली है। पार्षद व पार्षद प्रतिनिधियों ने कहा है कि अपने शहर को कोरोना से बचाने के लिए प्रतिदन 3 घण्टे शहर के अलग अलग वार्डों में घूम कर लोगों को वैक्सिीन लगवाने, मास्क लगाने और कोरोना गाईडलाइन की पालना करने के लिए प्रेरित किया जाएगा। आपको बता दें कि रविवार को एएसपी कस्वां ने साईकिल से शहर का दौरा कर जागरूकता का संदेश दिया था।
नमस्कार दोस्तों, ब्लॉगवाणी पर आपका स्वागत है। मैं हूं आपकी दोस्त शालू वर्मा। आज हम बात करेंगे शिक्षा यानी सीख की। सीख अच्छी या बुरी कैसी भी हो सकती है बस हमारा नजरिया सही होना चाहिए। एक ही कार्य के प्रति अलग-अलग लोगों का अलग अलग नजरिया होता है बस हमें उस नजरिए के द्वारा ही पता चलता है हम कुछ सीख रहे हैं या नहीं। वैसे सीखना जीवन पर्यंत चलने वाली प्रक्रिया है। एक व्यक्ति जन्म से लेकर मृत्यु तक कुछ न कुछ सीखता है। दोस्तों, हम अपनी रोजमर्रा जिंदगी में भी हर घड़ी हर पल कुछ न कुछ सीखते हैं। इस सीखने की प्रक्रिया के कारण ही रूढ़िवादी विचारों तकनीकों को छोड़कर नई तकनीकों को आत्मसात किया गया है। हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी तो युवा वर्ग को भारत की शक्ति मानते हैं और हमेशा कुछ नया करने पर बल देते हैं। वैसे, आपको बता दें कि सीखना तकनीक या फिर किसी नई खोज को ही नहीं कहते बल्कि एक नवजात शिशु का जन्म लेने के पश्चात पहली बार रोना भी सीखना ही होता है। प्राचीन समय में बालक सीखने के लिए आश्रमों में जाते थे। वहां पर ऋषि-मुनियों की शरण में रहकर दैनिक जीवन को चलाने के गुर सीखते थे। आज ...
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