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मतदाताओं के मत पर विश्वासघात ?

मतदाताओं के मत पर विश्वासघात ?



पार्षदों की हो रही है खरीद-फरोख्त तो निष्पक्ष चुनाव के दावों पर सवालिया निशान ?*

नगर पालिका अध्यक्ष पद के लिए त्रिकोणीय मुकाबला, प्रशासन दिलाएं जनता को निष्पक्ष चुनाव का भरोसा*

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कोटपूतली: नवनिर्वाचित चेयरमैन, वाइस चेयरमैन व पार्षदों का अभिनंदन

कोटपूतली। शहर के रामविहार कॉलोनी में रविवार को नगर पालिका की नवनिर्वाचित चेयरमैन पुष्पा सैनी, वाइस चेयरमैन अशोक शरण सहित अग्रवाल समाज के नवनिर्वाचित पार्षदों का स्वागत-सम्मान किया गया। समारोह में चेयरमैन पुष्पा सैनी ने मतदाताओं का आभार जताया। कार्यक्रम में वाइस चेयरमैन अशोक शरण बंसल, पार्षद मीनू बंसल पार्षद रेणु अग्रवाल, पार्षद प्रतिनिधि रघुवीर गोयल, एडवोकेट दुर्गाप्रसाद सैनी ने भी विचार रखे। इससे पहले शिवकुमार, प्रेमचंद, अशोक कुमार, राजेश गुप्ता, जितेन्द्र बंसल, बजरंग शरण, कैलाश शरण, किशन शरण, महावीर शरण, नागरमल सोनी, देवेंद्र सिंह बनेठी, रमेश मुन्ना, संतोष बंसल, मुकेश अग्रवाल, भारत बंसल, अनिल शरण, राकेश खजांची, एडवोकेट बजरंगलाल शर्मा प्रथम आदि ने जनप्रतिनिधियों समेत दुर्गा प्रसाद सैनी का भी स्वागत-सम्मान किया। संचालन योगेश शरण ने किया। NOTE:  NEW YEAR बधाई संदेश प्रकाशित करवाने के लिए सम्पर्क करें। 9887243320 Follow करें Button नीचे है।

#जीवन आनन्द: अतीत अवसाद बढ़ाता है और वर्तमान अवसर पैदा करता है

Vikas Kumar Verma  नमस्कार दोस्तों, ब्लाॅगवाणी पर #जीवन_आनन्द काॅलम में आप सभी का स्वागत है। मैं हूं आपके साथ विकास वर्मा। दोस्तों, जीवन में जब अतीत के पन्ने पलटे जाते हैं तो प्रेम कम और अवसाद ज्यादा पनपता है। यानी कि कई बार हम 8-10 साल पुरानी यादों की गठरी ढ़ोते रहते हैं, इस उम्मीद के साथ कि सामने वाले के अंहकार पर एक दिन जरूर चोट पहुंचेगी। लेकिन असल में हम अपने ही अंहकार को ढ़ो रहे होते हैं। क्योंकि असल में तो वर्तमान में जीने का नाम ही जिंदगी हैं, क्योंकि अतीत अवसाद बढ़ाता है और वर्तमान अवसर पैदा करता है। आईए, आज ब्लागवाणी के जीवन आनन्द के इस अंक में अतीत कि किताब को बंदकर आज की रोशनी में अवसर की राह तलाशें... दोस्तों, जीवन में जब अवसाद पनपनता है तो मन टूटने लगता है, अंधेरे कमरे में बैठना और एकांत अच्छा लगने लगता हैं। क्योंकि हम भूल जाते हैं कि जीवन केवल पेड़ नहीं है. जीवन गहरी छाया भी है. पेड़, जितना अपने लिए है, उतना ही दूसरे के लिए! हमारे सुख-दुख आपस में मिले हुए हैं. इनको अलग करते ही संकट बढ़ता है! जबकि इसे समझते ही सारे संकट आसानी से छोटे होते जाते हैं. सुलझते जाते हैं. लेकिन हम औ

उम्र 77 और काम के घण्टे 17, यही तो है #जीवन_आनन्द

जीवन में नाम (Fame)और दाम कौन नहीं चाहता, लेकिन यह मिलते कैसे हैं। कैसे होते हैं वो लोग जो इसे प्राप्त करते हैं। ऐसा क्या करते हैं कि उनका नाम लोगों की जुबान पर चढ़ने लगता है और कुबेर देवता व माता लक्ष्मी उन्हीं पर बरसने लगती हैं ! दोस्तों नमस्कार। मैं हूं आपके साथ विकास वर्मा, और आप पढ़ रहे हैं #जीवन_आनन्द । #ब्लाॅगवाणी पर आप सभी का स्वागत है। दोस्तों, जीवन तो संघर्षों से भरा है। फिर यहां जीवन आनन्द कब और कैसे मिलता है? आईए, समझने की कौशिश करते हैं। अमिताभ बच्चन, जिन्हें बाॅलीवुड का महानायक कहा जाता है, 77 साल की उम्र में आज भी 17-17 घण्टे काम कर रहे हैं। इतना ही नहीं उसके बाद चाहे जब भी अपने काम से फ्री हों, अपने प्रशंसकों के लिए प्रतिदिन ब्लाॅग जरूर लिखते हैं। इसमें उन्हें रात के 11 भी बज जाते हैं, और 3 भी । अमिताभ बच्चन का यही ‘काम करने का तरीका’ उन्हें महानायक बनाता है। अमिताभ बच्चन इन दिनों केबीसी-12 की शूटिंग में व्यस्त हैं और लगभग 17 घण्टे काम कर रहे हैं। नरेन्द्र मोदी, देश के वर्तमान प्रधानमंत्री। उम्र 70 साल, काम के वही प्रतिदिन लगभग 15 घण्टे। दिनभर में कितने लोगों से संवाद,

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