कोरोना ने Life Style को बदल दिया है। सुबह उठने से लेकर रात के सोने तक का टाईम टेबल परिवर्तित हो चुका है। व्यापार के नियम कायदे भी बदल रहे हैं। इस बीच कुछ को अवसर मिला है तो बहुत से लोग अवसाद में भी हैं। लेकिन क्यों ? Vikas Kumar Verma जीवन प्रकृति से परे तो नहीं है! प्रकृति खुद बताती है कि ‘जीवन में छोटे से छोटे परिवर्तन’ के भी क्या मायने हैं। फिर हम छोटी-छोटी परेशानियों से घबरा क्यूं जाते हैं। दोस्तों, नमस्कार। ब्लाॅगवाणी के जीवन आनन्द काॅलम में आपका स्वागत है। मैं हूं आपके साथ विकास वर्मा। आईए, चर्चा करते हैं आज ब्लाॅगवाणी में ‘कांटों के सुरक्षा कवच’ की। क्योंकि गुलाब की तरह महकना है तो कांटों को ही सुरक्षा कवच बनाना होगा। जीवन में ‘बेर’ की सी मिठास चाहिए, तो कांटों को सुरक्षा कवच बनाईए। ग्वारपाठे से गुण चाहिए तो ‘कांटों को सुरक्षा कवच बनाईए। यानी कि जीवन में कांटों का सुरक्षा कवच हमें ‘VIP’ बनाता है। और ये कांटे होते हैं हमारी बाधाऐं, हमारी परेशानियां, हमारे दुखः। यह तो तय है कि जीवन में हरेक परेशानी एक नयी राह दिखाती है। जब भी हम परेशानियों से घिरते हैं तो खुद को और अधि...
बुनियादी तौर पर ये सारे आंदोलन उग्र राष्ट्रवादी मिज़ाज के हैं. जो विशुद्ध जातीयता वाले राज्य की मांग करते हैं. लेकिन ये विविधता में एकता के सिद्धांत के बिल्कुल ख़िलाफ़ है.
जवाब देंहटाएंLaajwab🙏🙏
जवाब देंहटाएं2010 में npr ठीक था लेकिन अब बुरा हो गया है आप जरा सोचिए कि जब अपना राशन कार्ड बनवाते हो तब अपने घरवालों का ही नाम जुड़वाते हो लेकिन जब राज्य जुड़वाना चाहता है तब यह उलंघन आर्टिकल 5,14...
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