सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

स्कूल खुलने की तैयारी, नवम्बर से खुल सकते हैं केन्द्रीय और नवोदय विद्यालय भी

ब्लॉग वाणी/न्यूज़ चक्र। करीब सात महीने से बंद पड़े स्कूलों के फिर से खुलने का सिलसिला शुरु हो गया है। उत्तर प्रदेश, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और सिक्किम जैसे राज्यों ने सोमवार को अपने स्कूलों को खोल दिया है। ऐसे में केंद्रीय विद्यालय और नवोदय विद्यालय जैसे सगंठनों ने भी देश भर के अपने स्कूलों को खोलने की तैयारी कर ली है। फिलहाल इन स्कूलों को दो नवंबर से खोलने की योजना बनाई गई है। इसे लेकर अभिभावकों से राय ली जा रही है। मौजूदा समय में देश भर में करीब 1250 केंद्रीय विद्यालय और 650 नवोदय विद्यालय है। जिसमें करीब 15 लाख छात्र पढ़ते है।

 फिलहाल नौवीं से बारहवीं तक के बच्चों की ही लगेगी क्लास


स्कूलों के खोलने का यह सिलसिला गृह मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के बाद शुरु हुआ है, जिसमें स्कूलों को पंद्रह अक्टूबर के बाद खोलने की अनुमति दी गई है। हालांकि अभी सिर्फ नौवीं से बारहवीं तक के ही बच्चों को बुलाने की अनुमति दी गई है। इस बीच केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने स्कूलों को खोले जाने के बाद दौरान अपनाए जाने वाले सुरक्षा मानकों का भी ऐलान किया है।

सुरक्षा मानकों का पालन करना जरूरी


केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक छात्रों के लिए पूरे समय मास्क पहनना और दो गज की दूरी को अनिवार्य किया गया है। साथ ही लंच और पानी की बोलत के साथ सेनीटाइजर को भी अनिवार्य रूप से लाना होगा। छात्रों को थर्मल स्क्रीनिंग और अभिभावकों की अनुमति का प्रमाण पत्र साथ लाने के बाद ही स्कूलों के अंदर प्रवेश दिया जाएगा। इस निर्देशों के बाद राज्यों ने स्कूलों के खोलने का काम शुरू दिया है। हालांकि अभी भी ज्यादातर राज्य स्कूलों के खोलने को लेकर उहापोह है। वहीं केंद्र ने साफ किया है, कि स्कूलों के खोलने के लिए राज्यों की अनुमति जरूरी होगी। हालांकि स्कूलों के खोलने को लेकर शिक्षा मंत्रालय राज्यों के साथ लगातार संपर्क में है।

उत्तर प्रदेश, पंजाब जैसे राज्यों में स्कूलों के खुलने से बढ़ा मनोबल


केंद्रीय विद्यालय संगठन ने फिलहाल स्कूलों को खोलने की जो तैयारी की है, वह उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश सहित राज्यों में स्कूलों के खोलने की अनुमति मिलने के बाद शुरू की है। संगठन से जुडे़ सूत्रों की मानें तो स्कूलों को वैसे तो तुरंत ही खोलने की अनुमति दे दी जाती है, लेकिन 21 अक्टूबर से स्कूलों में त्योहारी छुट्टियां (ऑटम ब्रेक) शुरु हो रही है। जो दस दिन की है। ऐसे में स्कूलों को दो नवंबर से खोलने की योजना बनाई गई है। गौरतलब है कि केंद्रीय विद्यालय संगठन ने स्कूलों को इससे पहले 21 सितंबर में भी खोलने की योजना बनाई थी। लेकिन अभिभावकों की सहमति न मिल पाने से इसे टाल दिया था। Source: Dainik jagran.

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

'कॉकरोच' से डरती 'जिंदगी'

एक रेस्टोरेंट में अचानक ही एक कॉकरोच उड़ते हुए आया और एक महिला की कलाई पर बैठ गया। महिला भयभीत हो गयी और उछल-उछल कर चिल्लाने लगी…कॉकरोच…कॉकरोच… उसे इस तरह घबराया देख उसके साथ आये बाकी लोग भी पैनिक हो गए …इस आपाधापी में महिला ने एक बार तेजी से हाथ झटका और कॉकरोच उसकी कलाई से छटक कर उसके साथ ही आई एक दूसरी महिला के ऊपर जा गिरा। अब इस महिला के चिल्लाने की बारी थी…वो भी पहली महिला की तरह ही घबरा गयी और जोर-जोर से चिल्लाने लगी! दूर खड़ा वेटर ये सब देख रहा था, वह महिला की मदद के लिए उसके करीब पहुंचा कि तभी कॉकरोच उड़ कर उसी के कंधे पर जा बैठा। वेटर चुपचाप खड़ा रहा।  मानो उसे इससे कोई फर्क ही ना पड़ा, वह ध्यान से कॉकरोच की गतिविधियाँ देखने लगा और एक सही मौका देख कर उसने पास रखा नैपकिन पेपर उठाया और कॉकरोच को पकड़ कर बाहर फेंक दिया। मैं वहां बैठ कर कॉफ़ी पी रहा था और ये सब देखकर मेरे मन में एक सवाल आया….क्या उन महिलाओं के साथ जो कुछ भी हुआ उसके लिए वो कॉकरोच जिम्मेदार था? यदि हाँ, तो भला वो वेटर क्यों नहीं घबराया? बल्कि उसने तो बिना परेशान हुए पूरी सिचुएशन को पेर्फेक्ट्ली हैंडल किया। दरअसल, वो क...

#जीवन_आनन्द: कांटे ही सुरक्षा कवच होते हैं, सीख लो

कोरोना ने Life Style को बदल दिया है। सुबह उठने से लेकर रात के सोने तक का टाईम टेबल परिवर्तित हो चुका है। व्यापार के नियम कायदे भी बदल रहे हैं। इस बीच कुछ को अवसर मिला है तो बहुत से लोग अवसाद में भी हैं। लेकिन क्यों ? Vikas Kumar Verma  जीवन प्रकृति से परे तो नहीं है! प्रकृति खुद बताती है कि ‘जीवन में छोटे से छोटे परिवर्तन’ के भी क्या मायने हैं। फिर हम छोटी-छोटी परेशानियों से घबरा क्यूं जाते हैं। दोस्तों, नमस्कार। ब्लाॅगवाणी के जीवन आनन्द काॅलम में आपका स्वागत है। मैं हूं आपके साथ विकास वर्मा। आईए, चर्चा करते हैं आज ब्लाॅगवाणी में ‘कांटों के सुरक्षा कवच’ की। क्योंकि गुलाब की तरह महकना है तो कांटों को ही सुरक्षा कवच बनाना होगा। जीवन में ‘बेर’ की सी मिठास चाहिए, तो कांटों को सुरक्षा कवच बनाईए। ग्वारपाठे से गुण चाहिए तो ‘कांटों को सुरक्षा कवच बनाईए। यानी कि जीवन में कांटों का सुरक्षा कवच हमें ‘VIP’ बनाता है। और ये कांटे होते हैं हमारी बाधाऐं, हमारी परेशानियां, हमारे दुखः। यह तो तय है कि जीवन में हरेक परेशानी एक नयी राह दिखाती है। जब भी हम परेशानियों से घिरते हैं तो खुद को और अधि...

'अनबिलिवेबल' टाइगर श्रॉफ का पहला सॉन्ग, रिलीज का इंतजार ....टीजर जारी

 'अनबिलिवेबल' टाइगर श्रॉफ के पहले सॉन्ग का टीजर रिलीज ब्लागवाणी, डेस्क । बॉलीवुड के एक्शन स्टार टाइगर श्रॉफ अब सिंगिंग में भी हाथ आजमाने जा रहे है। उन्होंने अपने पहले सॉन्ग का टीजर रिलीज कर दिया है। टाइगर श्रॉफ जबरदस्त एक्शन और डांस के लिए मशहूर हैं। वह सिंगिंग में ‘अनबिलिवेबल’ के साथ डेब्यू करने जा रहे हैं, जिसका हाल ही में उन्होंने पोस्टर जारी किया था और अब उसका टीजर रिलीज कर दिया है। इसे देखकर दर्शक काफी उत्साहित है। टाइगर ने इंस्टाग्राम व ट्वीट कर दी जानकारी टाइगर ने इस सॉन्ग को इंस्टाग्राम पर शेयर करते हुए लिखा, ‘‘यह मेरे पहले सॉन्ग का टीजर है उम्मीद करता हूं कि आपको पसंद आएगा। टाइगर अपने हाथों में माइक थामकर गाने को अपनी आवाज दे रहे हैं। यानी कि अब टाइगर सिर्फ एक्टर, डांसर नहीं, बल्कि अच्छे सिंगर के तौर पर भी नजर आने वाले हैं।  टाइगर श्रॉफ के गाने का 'Unbelievable' के टीजर आपको बता दें कि यह सॉन्ग बिग बैंग म्यूजिक द्वारा निर्मित है, जिसमें टाइगर पहली बार अपनी ही धुन पर झूमते और गाते दिखाई देंगे। टाइगर का यह सॉन्ग 22 सितंबर को रिलीज होगा। गाने को मशहूर डायरेक्टर प...

कृपया फोलो/ Follow करें।

कुल पेज दृश्य