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Hasya Kavi Sammelan | हँसो-हँसाओ Coronavirus को दूर भगाओ | Comedy | Babulal dingiya | Covid-19

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वहशी दरिंदों के आगे बेबस बेटियां, बेबस सरकार...

यत्र नार्यस्तु पूज्यंते तत्र रमंते देवता अर्थात जहां पर नारियों की पूजा की जाती है वहां पर देवता निवास करते हैं। यह कहावत सतयुग से ही चली आ रही है और यह एक कहावत ही नहीं अपितु सतयुग, द्वापर युग, आदि यूगो से इस पर अमल भी किया जाता रहा है। उस समय नारियों का स्थान पुरुषों से ऊपर था। प्रत्येक कार्य उनसे पूछ कर किए जाते थे। लेकिन इस कलयुग में जैसा नाम वैसा काम के अनुसार घटनाएं घट रही हैं । हमारे देश में बेटियों को पढ़ाने व आगे बढ़ाने के लिए अनेक योजनाएं शुरू की जा चुकी है। जिनमें बेटी बचाओ - बेटी पढ़ाओ, सुकन्या योजना, जननी सुरक्षा योजना आदि चलाई जा रही है। बेटियों को संबल प्रदान करने के लिए अनेकों योजनाएं शुरू करने के बाद भी आज उनकी स्थिति दयनीय व विचारनीय है। पढ़ाना व आगे बढ़ाना तो दूर, आज हमारी बेटियां कहीं पर भी सुरक्षित नहीं है। पत्र - पत्रिकाओं में नित नई खबरें छपती रहती हैं। वहशी दरिंदे न तो उम्र देखते हैं, ना जात देखते हैं, ना समय देखते हैं, ना धर्म देखते हैं और ना ही रिश्ते देखते हैं। राह चलते आदमी से लेकर नेता, गुरु व व्यापारियों तक ने भी बालिकाओं को नहीं बख्शा। जिन्हें

मातृशक्ति के मजबूत इरादों से ही रूकेगें अपराध

महिला सुरक्षा व अधिकारों को लेकर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित न्यूज चक्र/ब्लाॅगवाणी। कोटपूतली। निकटवर्ती सरूण्ड थाने के तत्वाधान में महिला सुरक्षा एवं अधिकारों, महिला उत्पीड़न से जुड़े कानूनों को लेकर ग्राम नौरंगपुरा में आवाज अभियान के तहत बेटी बचाओ-बेटी पढाओ एवं महिला सुरक्षा जागरूकता मिशन अभियान टीम के सहयोग से जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन हुआ। जिसमें महिलाओं व बालिकाओं को थानाधिकारी शिवशंकर चतुर्वेदी ने लैंगिक उत्पीड़न, महिलाओं व बालिकाओं से होने वाले छेडछाड़ जैसे अपराध व अत्याचारों को लेकर जानकारी दी।  उन्होंने कहा कि मातृ शक्ति मजबूत होगी तभी अपराधों पर लगाम लग सकती है। ऐसे अपराध दबाने लायक नहीं है। पुलिस महिलाओं एवं बालिकाओं की सहायता के लिए हमेशा तत्पर है। ऐसे मामलों में पुलिस को गुप्त जानकारी के रूप में सूचित किया जा सकता है। उन्होंने महिला हितों  के कई कानूनों के बारे में जानकारी दी। इस दौरान गीता गुर्जर, प्रियंका देवी, सुनीता देवी, छोटी देवी, अनिता देवी, चिड़िया देवी समेत बडी संख्या में मातृ शक्ति मौजुद रही।

#जीवन आनन्द: अतीत अवसाद बढ़ाता है और वर्तमान अवसर पैदा करता है

Vikas Kumar Verma  नमस्कार दोस्तों, ब्लाॅगवाणी पर #जीवन_आनन्द काॅलम में आप सभी का स्वागत है। मैं हूं आपके साथ विकास वर्मा। दोस्तों, जीवन में जब अतीत के पन्ने पलटे जाते हैं तो प्रेम कम और अवसाद ज्यादा पनपता है। यानी कि कई बार हम 8-10 साल पुरानी यादों की गठरी ढ़ोते रहते हैं, इस उम्मीद के साथ कि सामने वाले के अंहकार पर एक दिन जरूर चोट पहुंचेगी। लेकिन असल में हम अपने ही अंहकार को ढ़ो रहे होते हैं। क्योंकि असल में तो वर्तमान में जीने का नाम ही जिंदगी हैं, क्योंकि अतीत अवसाद बढ़ाता है और वर्तमान अवसर पैदा करता है। आईए, आज ब्लागवाणी के जीवन आनन्द के इस अंक में अतीत कि किताब को बंदकर आज की रोशनी में अवसर की राह तलाशें... दोस्तों, जीवन में जब अवसाद पनपनता है तो मन टूटने लगता है, अंधेरे कमरे में बैठना और एकांत अच्छा लगने लगता हैं। क्योंकि हम भूल जाते हैं कि जीवन केवल पेड़ नहीं है. जीवन गहरी छाया भी है. पेड़, जितना अपने लिए है, उतना ही दूसरे के लिए! हमारे सुख-दुख आपस में मिले हुए हैं. इनको अलग करते ही संकट बढ़ता है! जबकि इसे समझते ही सारे संकट आसानी से छोटे होते जाते हैं. सुलझते जाते हैं. लेकिन हम औ

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