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Hasya Kavi Sammelan | हँसो-हँसाओ Coronavirus को दूर भगाओ | Comedy | Babulal dingiya | Covid-19

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जा मेरी मोहब्बत के चर्चे सरे बाजार कर दे...Hirendra prajapati ki Aawaz m शानदार काव्य पाठ.Kavyamanch

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कुछ तो शर्म करो ए दुनिया वालों बस जरा सी कसर बाकी है, अब इस दीए में और तेल नहीं बस जरा सी बाती बाकी है,

नमस्कार दोस्तों, ब्लॉगवाणी में आपका स्वागत है। मैं हूं आपकी दोस्त शालू वर्मा, और आज ब्लॉगवाणी में मैं आपके लिए लेकर आई हूं, आज के दौर में प्रकृति पर एक कविता। आपको अच्छी लगे तो इसे शेयर कीजिएगा और Blog फॉलो कीजिएगा… ↳ कुछ तो शर्म करो ए दुनिया वालों बस जरा सी कसर बाकी है, अब इस दीए में और तेल नहीं बस जरा सी बाती बाकी है, ↳ बुझ ना जाए कहीं यह दीया, पेड़ों पर कुल्हाड़ी चलाने से, नोटों के बंडल खातिर, बावड़ियों के पेंदे सुखाने से, ↳ क्यों चला रहे हो हथौड़े पहाड़ों पर, क्यों सूनी मां की छाती है, क्यों गिरती है यहां खड़ी इमारतें, क्यों पल में सुनामी आ जाती है, ↳ कुछ तो शर्म करो ए दुनिया वालों बस जरा सी कसर बाकी है अब इस दीए में और तेल नहीं बस जरा सी बाती बाकी है, ↳ क्यों खामोश हैं वे हवाऐं, जो कभी खुशियों के राग सुनाती थी, मिलाती थी ताल से ताल बैसाखी पर, रंगों के संग इठलाती थी, ↳ क्यों ठहर गई वह गंगा, जो कभी आई फाड़कर मां की छाती थी, क्यों गोमुख गया है सूख, क्यों चिड़िया रेत में नहाती है, ↳ कुछ तो शर्म करो ए दुनिया वालों बस जरा सी कसर बाकी है,...

जिंदगी क्या है...एक द्वंद है...

जिंदगी क्या है ?  यह महज एक सवाल नहीं, अपितु एक द्वंद है । जिसके बारे में हर तीसरा व्यक्ति सोचता है । एक गरीब तबके से लेकर करोड़पति तक अपने जीवनकाल में कभी न कभी यह जरूर सोचता है ।   यह भी सच है कि  जिंदगी के विषय में अलग- अलग लोगों की अलग- अलग ही राय होती है, कोई कहता है कि भगवान की देन है इसे हमें नेक कामों में लगाना चाहिए । तो कोई कहता है, यह सब कुदरत का दिया हुआ है ।  एक गरीब व्यक्ति के लिए तो यह 2 जून की रोटी मिलने का नाम है ।  तो मध्यम वर्ग के लिए थोड़ा और ऊंचा उठने का नाम । अमीरों के लिए पूरे संसार को मुठ्ठी में करने का नाम है । अर्थात दी हुई अमानत का सभी वर्गों के सोचने और इस पर चलने का अलग अलग नजरिया है । वास्तव में क्या है जिंदगी, यह किसी को भी नहीं पता, तो दोस्तों आज की ब्लॉगवाणी के संदेश हैं कि जिंदगी एक बेशकीमती चीज है ,  जिसको सहेजना हमारा फर्ज है । इस संसार में प्रत्येक व्यक्ति का जन्म किसी न किसी कार्य को पूरा करने के लिए हुआ है । और हमें उस कार्य को पूरी तल्लीनता से करना चाहिए । मनुष्य ही नहीं, अपितु संसार के प्रत्येक जीव ...

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