सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

जिस होलिका ने प्रहलाद जैसे प्रभु भक्त को जलाने का प्रयत्न किया, महिलाएं उसका पूजन क्यों करती हैं ?


जी हां दोस्तों, आपने और हमने अब तक की तमाम कहानी और किस्सों में यही सुना है की होलिका ने भक्त प्रहलाद को जलाने की मंशा से ही अपनी गोद में बिठाया था।... और हमारी तरह आपके भी मन में यह सवाल तो कभी ना कभी आया ही होगा कि भक्त प्रह्लाद को जलाने वाली होलिका का पूजन क्यों किया जाता है ? और क्यों घर की महिलाएं इस दिन होलिका का पूजन करती हैं और व्रत रखती हैं ? आज हमारा आपसे यही सवाल है कि जिस होलिका ने प्रहलाद जैसे प्रभु भक्त को जलाने का प्रयत्न किया, उसका हजारों वर्षों से हम पूजन किसलिए करते हैं ? अगर आपके पास इसका कोई जवाब हो तो नीचे कमेंट बॉक्स में जरूर लिखना,  हम तथ्यात्मक रूप से इसका जवाब खोजने में आपकी मदद करेंगे। ... और उचित हुआ तो अगले आलेख में आपके जवाब या टिप्पणी का उल्लेख जरूर किया जाएगा।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

#जीवन_आनन्द: कांटे ही सुरक्षा कवच होते हैं, सीख लो

कोरोना ने Life Style को बदल दिया है। सुबह उठने से लेकर रात के सोने तक का टाईम टेबल परिवर्तित हो चुका है। व्यापार के नियम कायदे भी बदल रहे हैं। इस बीच कुछ को अवसर मिला है तो बहुत से लोग अवसाद में भी हैं। लेकिन क्यों ? Vikas Kumar Verma  जीवन प्रकृति से परे तो नहीं है! प्रकृति खुद बताती है कि ‘जीवन में छोटे से छोटे परिवर्तन’ के भी क्या मायने हैं। फिर हम छोटी-छोटी परेशानियों से घबरा क्यूं जाते हैं। दोस्तों, नमस्कार। ब्लाॅगवाणी के जीवन आनन्द काॅलम में आपका स्वागत है। मैं हूं आपके साथ विकास वर्मा। आईए, चर्चा करते हैं आज ब्लाॅगवाणी में ‘कांटों के सुरक्षा कवच’ की। क्योंकि गुलाब की तरह महकना है तो कांटों को ही सुरक्षा कवच बनाना होगा। जीवन में ‘बेर’ की सी मिठास चाहिए, तो कांटों को सुरक्षा कवच बनाईए। ग्वारपाठे से गुण चाहिए तो ‘कांटों को सुरक्षा कवच बनाईए। यानी कि जीवन में कांटों का सुरक्षा कवच हमें ‘VIP’ बनाता है। और ये कांटे होते हैं हमारी बाधाऐं, हमारी परेशानियां, हमारे दुखः। यह तो तय है कि जीवन में हरेक परेशानी एक नयी राह दिखाती है। जब भी हम परेशानियों से घिरते हैं तो खुद को और अधि...

कोरोना योद्धाओं पर पुष्प वर्षा

न्यूज चक्र। कोरोना महामारी से इस जंग में कोटपूतली प्रशासन क्षेत्रवासियों के लिए अग्रिम पंक्ति की लड़ाई लड़ रहा है और इस जंग में पुलिस प्रशासन ने अपना हथियार बनाया है, ‘‘मेरी जिम्मेदारी’’ को। जी हां, यही वह शब्द है, जो ना केवल कोटपूतली वासियों को बल्कि पूरे जिले में लोगों को कोरोना से लड़ने के लिए प्रेरित कर रहा है।  'मेरा गावं मेरी जिम्मेदारी' या मेरा शहर मेरी जिम्मेदारी। शहर और गांवों को जिम्मेदारी का पाठ पढ़ाने वाले कोटपूतली एएसपी रामकुमार कस्वा और उनकी पूरी टीम पर जनता आज फूल बरसा रही है। तस्वीरें कोटपूतली शहर की हैं, जहां फ्लैग मार्च के दौरान आम जनता ने कोटपूतली एएसपी रामकुमार कस्वा, डीवाईएसपी दिनेश यादव, थानाधिकारी दिलीप सिंह व तहसीलदार सूर्यकांत शर्मा व पूरी टीम का फूल बरसा कर अभिनन्दन किया।  आपको बता दें कि प्रशासन के द्वारा चलाए जा रहे अभियान के फलस्वरूप उपखण्ड क्षेत्र में कोरोना संक्रमण मामलों में कमी देखी गई है। हालांकि खतरा अभी टला नहीं है। सावधान रहने व कोरोना गाईडलाइन का पालन करते रहने की जरूरत है।

कृपया फोलो/ Follow करें।

कुल पेज दृश्य